NFT क्या है, इसका इतिहास, कैसे करें इस्तेमाल | NFT in Hindi, History, Uses

NFT in Hindi : अभी कुछ समय पहले ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी द्वारा NFT के तौर पर अपना ट्वीट चौबीस लाख डॉलर्स यानी करीब सत्रह करोड़ रूपयों में बेचा जाना खबरों की सुर्खियों में रहा। कहते हैं कि अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार कलाकार NFT के ज़रिये सालाना करोड़ों की कमाई करते हैं। अभी कुछ दिनों पहले एक मात्र दस सेकेंड की NFT 66 लाख डॉलर्स यानी करीब पचास करोड़ रूपये में बिकने से चर्चा में आई। ऐसे में हमारे जेहन में एक सहज सवाल उठता है कि आखिर क्या है ये NFT!

NFT क्या है? (What is NFT in Hindi)

आजकल डिजिटल दुनिया में NFT  यानी ‘नॉन फंजिबल टोकेन’ का नाम काफी चर्चित है। इस नाम का ट्रैंड कुछ वैसे ही बढ़ता जा रहा है जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी। देश-दुनिया में NFT की बढ़ती चर्चा का अंदाज़ा इसी बात से लगा सकते हैं कि गूगल ट्रेंड्स के डेटा के मुताबिक सर्च के मामले में इसने क्रिप्टो को भी पीछे छोड़ दिया है।

सोशल-मीडिया पर भी इसके बारे में खूब बातें चलती रहती हैं। दरअसल NFT के ज़रिये कोई भी हुनरमंद आदमी अच्छी-खासी कमाई कर सकता है, बस उसे कुछेक चीजों के बारे में जानने की जरूरत होती है।

NFT यानी नॉन फंजिबल टोकेन का उपयोग डिजिटल आर्ट और एसेट के तौर पर किया जाता है. फंजिबल के मायने है– आपस में बदला जा सकने वाला यानी इंटरचेंजेबल। जैसे पांच सौ के कोई दो नोट। ऐसे ही किसी डिजिटल आर्ट की कॉपी भी असीमित संख्या में हो सकती है। पर NFT के ज़रिये आर्टिस्ट उनमें से किसी एक को मूल-प्रति यानी ओरिजिनल-कॉपी करार दे सकता है। नॉन फंजिबल को यूनीक भी कह सकते हैं।

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मिसाल के तौर पर जैसे पांच सौ के कोई भी दो नोट आपस में बदले जा सकते हैं, यानी ये फंजिबल संपत्ति है। वहीं नॉन फंजिबल असेट्स उस डिजिटल असेट को कहते हैं जिसे किसी भी दूसरी चीज से बदला नहीं जा सकता। आर्ट-पीस, म्यूज़िक, गेम, वीडियो वगैरह डिजिटल असेट को ब्लॉकचेन तकनीक के ज़रिये ही NFT के रूप में रखा जाता है। इसका एक यूनीक कोड होता है, जो और किसी का नहीं हो सकता।

NFT का इतिहास (History of NFT in Hindi)

NFT यानी नॉन फंजिबल टोकेन पहले पहल मई, 2014 में केविन मैककॉय और अनिल दास ने मिलकर बनाया। जो इथेरियम ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करता है। कोई भी यूनीक आर्ट या तकनीक जिसके बारे में यह दावा किया जाता है कि उसका मालिकाना हक किसी एक विशेष व्यक्ति के पास ही है। इसी मालिकाना हक को NFT या नॉन फंजिबल टोकेन कहा जाता है।

NFT का इस्तेमाल (How to use NFT in Hindi)

NFT किसी भी कलाकार को अपनी चीजें मोनेटाइज़ करने या बेचने के लिये एक बेहतर प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराने का काम करता है। यानी बिना किसी नीलामी-घर अर्थात् ऑक्शन-हाउस की मदद के अब यूनीक कलाओं और कीमती चीजों की खरीद-फ़रोख्त मुमकिन है। इस तरीके से आर्टिस्ट की रॉयल्टी भी निश्चित रहती है।

NFT को बेचना

NFT की बिक्री के लिये भी बहुत सारे प्लेटफ़ॉर्म्स मौज़ूद हैं। जैसे कि — OpenSea, Rarible, SuperRare आदि। यहां कोई चीज NFT के तौर पर बेचने के लिये आपको पहले अपना एक ई-वॉलेट बनाकर उसमें इथेरियम क्रिप्टोकरेंसी रखनी होती है। क्योंकि ज्यादातर NFT प्लेटफ़ॉर्म्स इथेरियम पर ही आधारित हैं। ख्याल रखें कि ट्रांजैक्शन फीस चुकाने के लिये वॉलेट में थोड़ा-बहुत इथेरियम पड़ा ही होना चाहिये।

इसके बाद आप जो बेचना चाहें उसे NFT मार्केटप्लेट पर डाल सकते हैं। ध्यान रखें कि साइज़ सौ एमबी से ज्यादा न हो। इसके बाद अपनी NFT की नीलामी की अच्छी से अच्छी कीमत पाने के लिये इसे जगह-जगह प्रोमोट करें।

ब्लॉकचेन तकनीकी पर आधारित है एनएफटी

बिटक्वाइन और दूसरी ऐसी ही क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही NFT भी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। NFT ऐसी यूनीक असेट क्लास है जिसे बिना किसी बैंक वगैरह थर्ड-पार्टी की मदद के  बनाया जा सकता है, और इनमें सौदा किया जा सकता है। वास्तव में NFT कोड-लाइन्स से अधिक कुछ नहीं होते। और ये ब्लॉकचेन पर रजिस्ट्रेशन करके किसी आर्टवर्क की यूनीकनेस निश्चित करते हैं।

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ब्लॉकचेन एक डाटाबेस है, जहां सूचनायें ब्लॉक्स में संरक्षित होती हैं। ये एक डिजिटल और पारदर्शी सार्वजनिक बहीखाते की तरह ही है। जिसमें सारे ब्लॉक्स आपस में एक श्रृंखला यानी चेन के ज़रिये जुड़े हुये होते हैं। ब्लॉकचेन तकनीक डिसेंट्रलाइज़्ड होती है। यानी इसके तहत हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड तो होता है, पर वह जानकारी कई कंप्यूटर्स में सुरक्षित रहती है, और उसमें कोई अनधिकृत छेड़छाड़ या हैकिंग नामुमकिन हो जाती है। इस प्लेटफ़ॉर्म पर किया जाने वाला हर लेन-देन खुद-ब-खुद अपडेट होता रहता है।

डिजिटल संपत्ति है एनएफटी

NFT को कायदे से समझने के लिये मान लें कि कोई यूनीक आर्टवर्क या फिर कोई भी ऐसी चीज जिसकी दूसरी कॉपी इस दुनिया में मौज़ूद न हो, उसे NFT करके, यानी एक यूनीक डिजिटल असेट में बदलकर लोग पैसे बनाते हैं।

NFT तकनीक की वज़ह से ही कुछ समय पहले बीपल नाम के एक आर्टिस्ट के कोलाज– ‘एवरीडेज़ — द फ़र्स्ट फ़ाइव थाउज़ैंड डेज़’ की लाखों कॉपीज़ में से उसकी एक ओरिजिनल-कॉपी को अलगाया जा सका, जो बाद में 517 करोड़ डॉलर्स में बिकी। NFT के ज़रिये ही बीपल अपनी ओरिजिनल-कॉपी को ओरिजिनल साबित कर सके।

जब आप ऑनलाइन NFT के ज़रिये कोई भी चीज खरीदते हैं तो वह आपको भौतिक यानी फिजिकल रूप में नहीं मिलेगी। बल्कि उसके लिये आपको एक टोकेन मिलेगा, जो दुनिया में यूनीक होता है, और इसे ही NFT टोकेन कहा जाता है। ये टोकेन आपकी डिजिटल असेट्स होते हैं, जो वैल्यू जेनरेट करते हैं।

अगर आपके पास ये टोकेन यानी नॉन फंजिबल टोकेन या NFT है तो आपको इससे संबंधित डिजिटल असेट्स का मालिक माना जाता है। फिर आगे आप इसे अपना नफ़ा-नुकसान देखते हुये बेच सकते हैं। ये सौदे अमूमन क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिये ही किये जाते हैं।

NFT का मार्केट और भविष्य

एक शोध संस्थान डैपराडार के मुताबिक NFT के इथेरियम ब्लॉकचेन में ज़ारी कुल नॉन फंजिबल टोकेन्स की कीमत करीब 14.3 बिलियन डॉलर है। पिछले साल यह आंकड़ा 340 मिलियन डॉलर का था। अमेरिकी मार्केट रिसर्च फर्म हैरिस द्वारा पिछले मार्च में किये गये अध्ययन के दौरान करीब ग्यारह फ़ीसदी अमेरिकी निवासियों ने कहा कि उन्होंने NFT खरीदा है।

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गौरतलब है कि यह आंकड़ा कमोडिटी मार्केट के खरीदारी करने वालों की तादाद से बस एक फीसदी ही कम रह गया है। एक अन्य विश्लेषक कंपनी जेफ़रीज़ का मानना है कि आने वाले समय में नॉन फंजिबल टोकेन्स का इस्तेमाल काफी तेजी के साथ बढ़ता जायेगा। इस कंपनी के मुताबिक NFT के भाव अगले साल तक दोगुने पहुंच जायेंगे, और वर्ष 2025 तक इसका बाजार अस्सी बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।

निष्कर्ष

NFT यानी नॉन फंजिबल टोकेन वज़ूद में तो कई सालों से है पर इसमें लोगों ने खास दिलचस्पी लेनी शुरू की कोरोनाकाल के लॉकडाउन वाले माहौल में। जब एंटरटेनमेंट और आर्ट वेन्यू नहीं खुल रहे थे तब कलाकारों ने लोगों से जुड़ने के नये रास्ते तलाशे। NFT ऐसी ही एक ईज़ाद है। जो डिजिटल चीजों पर कुछ ऐसा सिग्नेचर कर देता है जिससे उसका मालिकाना हक निश्चित हो जाता है, और इस तरह उसकी कीमत तय करना भी आसान हो जाता है।

बहुतेरे लोग इस बात को लेकर चिंता ज़ाहिर करते हैं कि कोई किसी ऐसी चीज के लिये कैसे इतना धन खर्च कर सकता है जो सिर्फ़ ऑनलाइन मौज़ूद हो और उसकी कोई फिजिकल डिलीवरी कभी न होती हो! पर दुनिया में रसूख़ वालों की कोई कमी नहीं। जिस तरह से उनकी प्रतिक्रियायें आ रही हैं कि लगता है NFT का बाजार आने वाले दिनों में दिन दूना रात चौगुना बढ़ता ही जायेगा.

हमने सीखा—तो दोस्तों आज के लेख NFT in Hindi में हमने सीखा  कि NFT क्या होती है? NFT का इतिहास क्या है? NFT in Hindi का इस्तेमाल, NFT को खरीदना और बेचना, NFT का मार्केट और भविष्य आदि

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